Monday, February 16, 2009

दलितों के प्रति बढ़ रहा अपराध: बूटा सिंह

दलितों के प्रति बढ़ रहा अपराध: बूटा सिंह

Feb 10, 10:01 pm
बिजनौर। संविधान में प्रावधान के बावजूद संवैधानिक तौर पर अनुसूचित जाति/जनजाति को उसके हकों से वंचित रखा जा रहा है, जिस कारण दलित वर्ग शिक्षा में पूरी तरह पिछड़ा हुआ है। यूपी में हर तीसरे दिन दलित महिलाओं के साथ बलात्कार व हत्या के मामले सामने आ रहे हैं। प्रदेश में दलितों के प्रति अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है। यह कहना है अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के अध्यक्ष बूटा सिंह का।
वह मंगलवार को अंबेडकर समाज पार्टी के बैनर तले दोपहर दो बजे से प्रदर्शनी मैदान में आयोजित दलित समस्या समाधान सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि यह बात कहा। पूर्व कैबिनेट मंत्री बूटा सिंह ने कहा यूपी में संवैधानिक सुरक्षा प्रावधान के बावजूद दलितों पर अन्याय, अत्याचार, उत्पीड़न, शोषण की घटनाएं हो रही हैं। सूबे में दलितों के प्रति अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि डा.भीमराव अंबेडकर ने संविधान के अनुच्छेद 15 में दलितों को शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकारों को बाध्य कर अनुसूचित जाति के बच्चों की आरक्षण के अनुसार स्कूल में भागीदारी सुनिश्चित कराई थी। इसके बावजूद प्रदेश में आज भी 38 प्रतिशत दलित अनपढ़ हैं। बाबा साहब ने सरकारी नियुक्ति प्रक्रिया के लिए बनने वाले बोर्ड का एक सदस्य दलित होना निश्चित किया था। ए-बी श्रेणी की सेवा में प्रमोशन भी आरक्षण के तहत होने चाहिए, लेकिन संवैधानिक तौर पर किसी भी अनुच्छेद का पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे संविधान की मंशा फलीभूत नहीं हो पा रही है।
उन्होंने कहा कि जब वह लखनऊ दौरे पर आए तो कमीशन की ओर से ऐसी सोलह जातियों के बारे में जांच कर प्रदेश सरकार को रिपोर्ट भेजी थी, जो कि संवैधानिक रुप से अनुसूचित जाति में गलत शामिल हैं, लेकिन प्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न कर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। उन्होंने दलितों को संवैधानिक अधिकारों के के अपनी लड़ाई खुद लड़ने का आह्वान किया।

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