नारायण बारेठ
भारत के पश्चिमी राज्य राजस्थान के एक गाँव के तालाब में दलित लोगों को नहाने से रोकने के मामले में पुलिस ने एक साल बाद कार्रवाई की है और 17 लोगों को गिरफ़्तार किया है.राजधानी जयपुर से 60 किलोमीटर दूर स्थित फागी कस्बे के चकवारा गाँव के सवर्ण गाँव के तालाब में दलितों को नहाने से मना कर रहे थे.दलितों ने इस संबंध में दिसंबर 2001 में उन्होंने रिपोर्ट लिखाई थी.राजस्थान के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वी के गौड़ ने बताया कि इस मामले में अब 17 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.यदि इन लोगों पर दोष साबित हो गया तो इन्हें पाँच साल की सज़ा हो सकती है.भारी विरोध इस घटना के विरोध में राजस्थान में भारी विरोध प्रदर्शन हुए थे.यहाँ तक कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी थी जिसमें क़रीब एक दर्जन लोग घायल हो गए थे.
दलित समुदायों के लोगों की माँग थी कि फागी क़स्बे के एक मंदिर में उन्हें बेरोकटोक प्रवेश करने दिया जाए और वहाँ के तालाब में भी नहाने की इजाज़त दी जाए. सवर्ण समुदाय के लोगों को इस पर एतराज था.इन लोगों का कहना था कि वे दलित समुदाय के लोगों को न तो मंदिर में घुसने देंगे और न ही तालाब में नहाने देंगे क्योंकि इसका उन्हें कोई अधिकार नहीं है.
पिछले साल दलित समुदाय के एक व्यक्ति ने फागी क़स्बे के निकट चकवारा गाँव के एक तालाब में स्नान किया था.सवर्ण समुदाय के लोगों ने ऐसा करने के लिए उस पर जुर्माना लगाया था और उसका सामाजिक बहिष्कार किया था.यह मामला तब और तूल पकड़ गया था जब विश्व हिंदू परिषद इसमें कूद पड़ी थी.उसने इस संबंध में सभी वर्ग के लोगों की एक बैठक आयोजित की थी.उनका आरोप था कि इसके पीछे ईसाई मिशनरी हैं और वे हिंदुओं को बांटना चाहते हैं.जबकि ईसाई मिशनरी इसका खंडन करते हैं.
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