Saturday, September 21, 2002

मंदिर में प्रवेश पर झगड़ा

गाँव के तालाब में सभी को स्नान कराने की इजाजत नहीं है

भारत के पश्चिमी राज्य राजस्थान में शनिवार को एक मंदिर में दाख़िल होने पर उतारू भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने गोली चलाई और आँसू गैस छोड़ी जिसमें क़रीब एक दर्जन लोग घायल हो गए. अधिकारियों ने कहा है कि राजधानी जयपुर के पास के एक क़स्बे फागी में कुछ दलित लोग मंदिर में बिना किसी रोक-टोक के प्रवेश की अनुमति की माँग कर रहे थे. कुछ सवर्ण हिंदू उनकी इस माँग का विरोध कर रहे थे. पुलिस ने सवर्णों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोली चलाई और आँसू-गैस छोड़ी. क़स्बे में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है जिसके तहत चार या उससे ज़्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगा दी गई है.जयपुर के ज़िला अधिकारी सुधांशु पंत ने इलाक़े में स्थिति को नियंत्रण में बताया है और कुछ अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं.

विरोध

विवरण के अनुसार दलित समुदाय के कुछ लोग राज्य के विभिन्न हिस्सों से एकत्र होकर फागी शहर की तरफ़ मार्च कर रहे थे. उनकी माँग थी कि क़स्बे के एक मंदिर में उन्हें बेरोकटोक प्रवेश करने दिया जाए और वहाँ के तालाब में भी नहाने की इजाज़त दी जाए. सवर्ण समुदाय के लोगों को इस पर एतराज था.यह मार्च जैसे ही आगे बढ़ा, सवर्ण समुदाय के लोग उसे रोकने के लिए हिंसा पर उतारू हो गए. ये लोग पुलिस से भी भिड़ गए और उसके साथ भी कुछ देर तक उनकी हाथा-पाई होती रही.इन लोगों का कहना था कि वे दलित समुदाय के लोगों को न तो मंदिर में घुसने देंगे और न ही तालाब में नहाने देंगे क्योंकि इसका उन्हें कोई अधिकार नहीं है.आख़िरकार दलित समुदाय के लोगों ने अपना मार्च समाप्त कर दिया लेकिन उन्होंने इस भेदभाव के ख़िलाफ़ संघर्ष जारी रखने का संकल्प भी लिया.

भेदभाव

पिछले साल दलित समुदाय के एक व्यक्ति ने फागी क़स्बे के निकट चकवारा गाँव के एक तालाब में स्नान किया था.सवर्ण समुदाय के लोगों ने ऐसा करने के लिए उस पर जुर्माना लगाया था और उसका सामाजिक बहिष्कार किया था.भारत में जाति प्रथा क़रीब तीन हज़ार साल पुरानी है जिसके अनुसार किसी समुदाय का सामाजिक दर्जा तय होता है.राजस्थान में भी जातिगत भेदभाव की ऐसी घटनाएं अक्सर होती रहती हैं।

जानकार इस मुद्दे पर अब एकमत नहीं हैं कि क्या जाति प्रथा हिंदू धर्म का अनिवार्य अंग है या इसे सदियों पहले मध्य एशिया से आने वाले हमलावरों ने लागू किया था।

No comments:

Post a Comment